Arputham Joaquin _ अर्पुथम जौकिन
तमिलनाडु के एस अर्पुथम की आठवीं सन्तान के रूप में जौकिन का जन्म 15 सितम्बर 1946 को कोलार गोल्ड फील्ड के अरुदयापुरम में हुआ था | जिस समय जौकिन का जन्म हुआ उनके पिता कोलार गोल्ड फील्ड में फोरमैन के रूप में काम कर रहे थे, साथ ही उन्हें पंचायत का प्रेसिडेंट भी नियुक्त किया गया था ।
जौकिन के माता-पिता कैथोलिक विचारधारा को मानने वाले थे | जौकिन की जिन्दगी बेहद उतार-चढ़ाव से शुरू हुई थी और उनका अधिकांश जीवन मुंबई की झुग्गी बस्तियों के सुधार और वहाँ के वासियों की समस्याओं से और उनके अधिकारों के संघर्ष में बीता | वर्ष 1969 में जौकिन ने मुम्बई स्लम डवैलर्स फेडरेशन का गठन किया और यह निर्णय लिया कि वह इस संस्था का रजिस्ट्रेशन वगैरह नहीं कराएँगे, बस काम करेंगे ।
1974 में यह मुम्बई स्लम ड्वैलर्स फेडरेशन विकसित होकर नेशनल स्लम ड्वैलर्स फेडरेशन (NSDF) बन गई । 1976 में वह फिलीपींस चले गए । फिलीपींस में जौकिन ने मनीला में टौण्डो फोर शेयर एरिया में झुग्गी प्रबन्धन की ट्रेनिंग ली । उन्होंने फिलीपींस इक्यूमीनिकल काउंसिल फॉर कम्युनिटी आर्गेनाइजेशन से भी जानकारी जुटाई और पूरी तरह सीख-समझकर 1978 में वह फिर भारत लौटे । फिलीपींस से लौटने के बाद 1980 के दशक में जौकिन के स्लम सुधार कार्यक्रम का विस्तार हुआ और NSDF की साझेदारी ‘सोसायटी फॉर द प्रोमोशन ऑफ एरिया रिसोर्स सेंटर-‘SPARC’ तथा ‘महिला मिलन’ संस्थाओं से हुई । 1984 के आस-पास, NSDF के साथ बहुत से दूसरे NGOs का साथ जुड़ गया ।
गाँधीवादी विचारों से प्रेरित जौकिन ने अपने आन्दोलनों से झुग्गी बस्ती में बसने वाले लोगों के जीवन में आश्चर्यजनक परिवर्तन कर दिखाए और उनके इसी संकल्प के लिए उन्हें वर्ष 2000 का मैग्सेसे पुरस्कार प्रदान किया गया |