majAk yA madad _ मजाक या मदद
उनसे बूढ़े ने कहा- मेरी टोपी उड़ गई है, उसे पकड़ो। नहीं तो मैं बिना टोपी का हो जाऊंगा। वे लड़के उसकी बात पर ध्यान न देकर टोपी के उड़ने का मजा लेते हुए हंसने लगे। इतने में लीला नाम की एक लड़की, जो स्कूल में पढ़ती थी, उसी रास्ते पर आ पहुंची। उसने तुरंत ही दौड़कर वह टोपी पकड़ ली और अपने कपड़े से धूल झाड़कर तथा पोंछकर उस बूढ़े को दे दी।
उसके बाद वे सब लड़के स्कूल चले गए।गुरुजी ने टोपी वाली यह घटना स्कूल की खिड़की से देखी थी। इसलिए पढ़ाई के बाद उन्होंने सब विद्यार्थियों के सामने वह टोपी वाली बात कही और लीला के काम की प्रशंसा की तथा उन दोनों लड़कों के व्यवहार पर उन्हें बहुत धिक्कारा।
इसके बाद गुरुजी ने अपने पास से एक सुंदर चित्रों की पुस्तक उस छोटी लड़की को भेंट दी और उस पर इस प्रकार लिख दिया- लीला बहन को उसके अच्छे काम के लिए गुरुजी की ओर से यह पुस्तक भेंट की गई है। जो लड़के गरीब की टोपी उड़ती देखकर हंसे थे, वे इस घटना का देखकर बहुत लज्जित और दुखी हुए।
नीति : हमें बड़ों की आदर और सहायता करनी चाहिए |