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rAshtrIya pakshI mOr _ राष्‍ट्रीय पक्षी मोर

rAshtrIya pakshI mOr _ राष्‍ट्रीय पक्षी मोर

National Symbols of India :: भारत के राष्ट्रीय चिन्ह









1) मोर एक बहुत ही सुन्दर, आकर्षक तथा शान वाला पक्षी है।
2) भारत सरकार ने 26 जनवरी, 1963 को इसे राष्ट्रीय पक्षी घोषित किया।
3) कवि कालिदास ने भी (छठी शताब्दी) इसे उस जमाने में राष्ट्रीय पक्षी का दर्जा दिया था।
4) देवी-देवताओं से सम्बन्ध होने के कारण हिन्दू समाज इसे दिव्य पक्षी मानता है ।
5) मोर देवताओं के सेनापति और शिव के पुत्र कार्तिकेय का वाहन है ।
6) मोर के सौन्दर्य से प्रभावित होकर शाहजहां ने एक मयूरासन बनवाया ।
7) इसकी दो प्रजातियां हैं-
नीला या भारतीय मोर (पैवो क्रिस्टेटस), जो भारत और श्रीलंका (भूतपूर्व सीलोन) में पाया जाता है।
हरा या जावा का मोर (पि. म्यूटिकस), जो म्यांमार (भूतपूर्व बर्मा) से जावा तक पाया जाता है।

jhUmkar jab barsAt_झूमकर जब बरसात

jhUmkar jab barsAt_झूमकर जब बरसात

Poetry on Rain :: बरसात पर कविता












मोर की तरह नाच उठे पेड़ों के पत्ते,
झूमकर जब बरसात हुई।
कई महीनों से जमी धूल और गंदगी,
इसके साथ बही।

चमक उठी हर ऊंची इमारत,
महक उठी हर पेड़ की डाली।
नदियों ने करवट ली और,
समंदर में लहर बन गई।

और इस बार फिर बरसात,
दुखी होकर अपने घर चली गई।
बोली धो ना सकी मैं वो मैला दिल,
जो खून की नदियां बहाता है।
चमका न सकी मैं उस मन को,
जो हर तरफ गंदगी फैलाता है।

रूठी है अब भी धरती मुझसे,
और कहती यही हर बार है।
बहुत है बोझ और गंदगी मुझ पर,
क्यों ना बहा ले गई तुम।

सोचा अबकी बरस जो आऊंगी,
तो इतना बरस जाऊंगी।
हर अच्‍छा और हर बुरा,
साथ में अपने ले जाऊंगी।
लूंगी वो विकराल रूप की,
प्रलय मैं बन जाऊंगी।

बरसूंगी एक बार इस तरह कि,
सुख-दुख सब ले जाऊंगी।
तेरे दिल का बोझ धरती,
एक दिन मैं कम कर जाऊंगी।

सुन ले हर मैले दिल वाले,
खून की नदियां बहाने वाले।
जब मैं अपना रूप दिखाऊंगी,
तुम सबको अपने संग ले जाऊंगी।

ना कोई हथियार होगा,
ना कोई विस्फोट होगा।
ना ही मैं रुकूंगी,
ना कोई मुझे रोकने वाला होगा।

- जया ठोमरे 'कुमावत'