AyI barkhA rAnI_आई बरखा रानी
Poetry on Rain :: बारिश पर कविता
धूप कहीं भागी पिछवाड़े
छम से आया पानी।
बूंदों के सिक्के उछालती
आई बरखा रानी॥
हवा चली पुरवाई, नभ में
छाई श्याम बदरिया।
बादल लगे गरजने गड़-गड़
चमक रही बिजुरिया॥
झूम-झूम के अाँगन अपनी
भीग नहाती नानी।
खेत भरे भर आई नदिया
भरती ताल-तलैया।
आम नीम महुआ हरियाए
हरियाई है बगिया॥
मौसम आया रिमझिम वाला
लहरे चूनर पानी।
मोर नाचने लगे कुहुक के
गाती है कोयलिया।
कछुए, बगुले, मेंढक खुश हैं
खुश हैं सोन-मछरिया॥
दोनों हाथ लुटाते दौलत
बादल भैया दानी।
- शोभा शर्मा
- शोभा शर्मा