tU pyAr kA sAgar hai_तू प्यार का सागर है

tU pyAr kA sAgar hai_तू प्यार का सागर है

Poetry on Ocean (sAgar)::सागर पर कविता









तू प्यार का सागर है,
तू प्यार का सागर है,
तेरी एक बून्द के प्यासे हम,
तेरी एक बून्द के प्यासे हम,

लौटा जो दिया तूने,
लौटा जो दिया तूने,
चले जाएंगे जहां से हम,
चले जाएंगे जहां से हम,
तू प्यार का सागर है,
तू प्यार का सागर है,
तेरी एक बून्द के प्यासे हम,
तेरी एक बून्द के प्यासे हम,
तू प्यार का सागर है,

घायल मन का पागल पन्छी,
उड़ने को बेकरार,
उड़ने को बेकरार,
पंख है कोमल आंख है धुंधली,
जाना है सागर पार,
जाना है सागर पार,
अब तू ही इसे समझा,
अब तू ही इसे समझा,
राह भूले थे कहाँ से हम,
राह भूले थे कहाँ से हम,
तू प्यार का सागर है,
तेरी एक बून्द के प्यासे हम,
तू प्यार का सागर है,

इधर झूम के गाये ज़िन्दगी,
उधर है मौत खडी,
उधर है मौत खडी,
कोई क्या जाने कहाँ है सीमा,
उलझन आन पडी,
उलझन आन पडी,
कानों मे जरा कह दे,
कानों मे जरा कह दे,
कि आये कौन दिशा से हम,
कि आये कौन दिशा से हम,
तू प्यार का सागर है,
तेरी एक बून्द के प्यासे हम,
तेरी एक बून्द के प्यासे हम,
तू प्यार का सागर है,
तू प्यार का सागर है |