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paryAvaraN par bhAshaN _ पर्यावरण पर भाषण _ 2

paryAvaraN par bhAshaN _ पर्यावरण पर भाषण _ 2



मेरे आदरणीय अध्यापक और मेरे प्यारे साथियों, सुबह की नमस्ते। मैं आज आप सभी के सामने पर्यावरण पर भाषण देना चाहता/चाहती हूँ। दुनिया भर में 5 जून का दिन विश्व पर्यावरण दिवस के रूप में मनाया जाता है। 1973 में सबसे पहले अमेरिका में विश्व पर्यावरण दिवस के रूप मेंमनाया गया था। इस वर्ष भी हर वर्ष की तरह पर्यावरण दिवस पर दो-चार पेड़ लगाकर हम अपने दायित्व को पूरा कर लेंगे। प्रकृति का वह आवरण जिससे हम घिरे हुए है पर्यावरण कहलाता है। आज वही पर्यावरण प्रदुषण की चरम सीमा पर पहुंच चुका है। जहां कलकारखानें लोगों को रोजगार दे रहें हैं। वहीं जल-वायु प्रदुषण में अहम भूमिका भी निभा रहें हैं। कारखानों से निकलने वाला धूंआ हवा में कार्बन डाई आक्साइड की मात्र को बढ़ा देता है जो कि एक प्राण घातक गैस है। इस गैस की वातावरण में अधिक मात्रा होने के कारण सांस लेने में घुटन महसूस होने लगती है। हमारे धर्मों व कागज की जरूरत पूरा करने के लिए काटे जा रहा है और उन स्थान पर पूनः वृक्षारोपण कारने की बजय रियासी काॅलोनियां व नगर बसाये जा रहें हैं जिससे प्रकृति का संतुलन बिगड़ता जा रहा है। पेड़ कार्बन डाई आक्साइड को ग्रहण कर शुद्ध आक्साीजन छोड़ते हैं जिससे प्रकृति में गैसों का संतुलन बना रहता है। लेकिन अब कार्बन उत्साहित करने वाले श्रोत बढ़ते जा रहें हैं। जबकि आक्सीजन बनाने वाले पेड़ों की संख्या दिन-प्रतिदिन कम होती जा रही है। पानी इंसान की अमूलभूत आवश्यकताओं में से एक है। बिना जल के जीवन की कल्पना करना भी बेकार है।

भारत देश हमेशा से ही धर्म और आस्था का देश माना जाता रहा है। पुराणों में यहां की नदियों का विशेष महत्व वर्णन किया गया है। हिन्दु धर्म आस्था की मुख्य धरोहर गंगा आज आपनी बदनसीबी के चार-चार आंसू रो रही है। आज गंगा नदी इतनी प्रदुषित हो गयी है कि खुद अपने आप को तारने के लिए किसी भागीरथ का इंतजार करेंगी। भारत में पर्यावरण क़ानून पर्यावरण (रक्षा) अधिनियम 1986 से नियमित होता है जो एक व्‍यापक विधान है। इसकी रूप रेखा केन्‍द्रीय सरकार के विभिन्‍न केन्‍द्रीय और राज्‍य प्राधिकरणों के क्रियाकलापों के समन्‍वयन के लिए तैयार किया गया है जिनकी स्‍थापना पिछले कानूनों के तहत की गई है जैसा कि जल अधिनियम और वायु अधिनियम।

विश्‍व पर्यावरण दिवस_1

Narendra Modi speech on World Environmental Day :: प्रधानमंत्री _ विश्‍व पर्यावरण दिवस

प्रधानमंत्री ने विश्‍व पर्यावरण दिवस पर शुभकामनाएं दीं, धरती मां को स्‍वच्‍छ और हरित बनाने के लिए लोगों की भागीदारी बढ़ाने का आह्वान किया |

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने आज विश्‍व पर्यावरण दिवस के अवसर पर अपनी शुभकामनाएं दीं और पर्यावरण संरक्षण के संबंध में अपने विचार प्रकट करते हुए उन्‍होंने धरती को हरा भरा बनाने की जरूरत पर बल दिया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि विश्‍व पर्यावरण दिवस हमें धरती मां के लिए समर्पित होने और पर्यावरण संरक्षण तथा इसे अधिक स्‍वच्‍छ और हरित बनाने की हमारी जिम्‍मेदारी की याद दिलाता है। पर्यावरण के साथ पूरी तरह साहचर्य में जीवन को प्रोत्‍साहित करने वाली हमारी संस्‍कृति का स्‍वागत करते हुए श्री मोदी ने कहा कि हमें इस तरह की संस्‍कृति का हिस्‍सा बनने का सौभाग्‍य प्राप्‍त हुआ है। उन्‍होंने हर व्‍यक्ति से एक ट्रस्‍टी के रूप में कार्य करने का आह्वान किया, जिससे हम न सिर्फ मौजूदा विकास के लिए प्राकृतिक संसाधनों का दोहन कर सकेंगे बल्कि आगामी पीढि़यों के लिए खुशहाली सुनिश्चित करने की दिशा में काम कर सकेंगे।

प्रधानमंत्री ने स्‍वच्‍छ और हरित धरती के लिए सरकारी प्रयासों के साथ-साथ लोगों की भागीदारी की जरूरत पर भी बल दिया। उन्‍होंने लोगों से यह सुनिश्चित करने की अपील भी की कि दैनिक जीवन में उनका प्रत्‍येक कदम प्रकृति और प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण पर केंद्रित होना चाहिए।