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ThukarAdO yA pyAr karO_ठुकरा दो या प्यार करो

ThukarAdO yA pyAr karO_ठुकरा दो या प्यार करो

subhadrA kumarI chouhAn :: सुभद्राकुमारी चौहान









देव! तुम्हारे कई उपासक कई ढंग से आते हैं 
सेवा में बहुमूल्य भेंट वे कई रंग की लाते हैं 

धूमधाम से साज-बाज से वे मंदिर में आते हैं 
मुक्तामणि बहुमुल्य वस्तुऐं लाकर तुम्हें चढ़ाते हैं 

मैं ही हूँ गरीबिनी ऐसी जो कुछ साथ नहीं लायी 
फिर भी साहस कर मंदिर में पूजा करने चली आयी 

धूप-दीप-नैवेद्य नहीं है झांकी का श्रृंगार नहीं 
हाय! गले में पहनाने को फूलों का भी हार नहीं 

कैसे करूँ कीर्तन, मेरे स्वर में है माधुर्य नहीं 
मन का भाव प्रकट करने को वाणी में चातुर्य नहीं 

नहीं दान है, नहीं दक्षिणा खाली हाथ चली आयी 
पूजा की विधि नहीं जानती, फिर भी नाथ चली आयी 

पूजा और पुजापा प्रभुवर इसी पुजारिन को समझो 
दान-दक्षिणा और निछावर इसी भिखारिन को समझो 

मैं उनमत्त प्रेम की प्यासी हृदय दिखाने आयी हूँ 
जो कुछ है, वह यही पास है, इसे चढ़ाने आयी हूँ 

चरणों पर अर्पित है, इसको चाहो तो स्वीकार करो 
यह तो वस्तु तुम्हारी ही है ठुकरा दो या प्यार करो

10ClassHindi

AP _ 10 Class Hindi (SL) :

Project Work in 1. barasatE bAdal ( बरसते बदल  ) :

Poetry on Nature ::प्रकृति पर कविता :

Poetry on Moon _ चन्द्र (चाँद) कविता

Poetry on Rain ::बरसा‍त पर कविता




9) पहली बार देखा झरना

Poetry on Ocean (sAgar)::सागर पर कविता






Poetry on bAdal ::बादल पर कविता

1) पानी लेकर बादल

Project Work in 2. EidgAh ( ईदगाह  ) :

वरिष्ठ नागरिकों ( बड़े बुजुर्ग ) के प्रति आदर सम्मान _कहानी

1) राम को वनवास

2) बूढ़ा पिता

3) मजाक या मदद

Project Work in 3. ham bhAratvAsI ( हम भारतवासी ) :

शांति के पथ पर समर्पित महान व्यक्ति :

Martin Luther King Jr_मार्टिन लूथर किंग

Laxminarayan Ramdas _ लक्ष्मीनारायण रामदास

Arputham Joaquin _ अर्पुथम जौकिन

Chandi Prasad Bhatt _ चंडीप्रसाद भट्ट

Project Work in 4.kaN kaN kA adhikArI ( कण-कण का अधिकारी )

vishwa shram diwas _ विश्व श्रम दिवस

Project Work in 7.bhakti pad (भक्ति पद )


AP _ 10 Class Hindi (FL) :

Project Work in Lesson 1. sundar bhArat (सुन्दर भारत )

बड़ों के प्रति आदर सम्मान संबंधी कहानी

बड़ों के प्रति आदर सम्मान संबंधी कहानी



रामायण के अनुसार राजा दशरथ की रानी कैकयी ने अपनी दासी मंथरा के बहकावे में आकर राजा से दो वरदान मांगे। पहला भरत को राज्य और दूसरा राम को वनवास। न चाहते हुए भी दशरथ ने राम को वनवास भेज दिया। राम के साथ सीता व लक्ष्मण भी वन में चले गए। राम को वनवास जाता देख अयोध्यावासी उनके पीछे-पीछे तमसा नदी तक आ गए। यहां श्रीराम ने विश्राम किया और रात में जब अयोध्यावासी सो रहे थे, वहां से चले गए। निषादराज गुह ने श्रीराम, सीता व लक्ष्मण को गंगा पार पहुंचाया।
श्रीराम, सीता व लक्ष्मण जिस भी गांव या नगर से निकलते, वहां के लोग उनकी एक झलक पाने के लिए लालायित हो जाते थे और उनका खूब आदर-सत्कार करते। चलते समय सीता इस बात का ध्यान रखती कि गलती से भी श्रीराम के पदचिह्नों पर उनका पैर न रखा जाए। इसलिए वे श्रीराम के दोनों पदचिह्नों के बीच में चलती थीं। लक्ष्मण भी यह देखते हुए चलते कि श्रीराम व सीता दोनों ही के पैरों के निशान पर उनका पैर न पड़े। श्रीराम, सीता व लक्ष्मण जिस भी गांव या नगर से गुजरते, वहां के वासी भक्तिभाव से उनका पूजन करते।
प्रभु पद रेख बीच बिच सीता। धरति चरन मग चलति सभीता।।
सीय राम पद अंक बराएं। लखन चलहिं मगु दाहिने लाएं।।

अर्थात- श्रीराम के चरण चिह्नों के बीच-बीच में पैर रखती हुई सीताजी मार्ग में चल रही हैं और लक्ष्मण सीता व श्रीराम दोनों के चरण चिह्नों को बचाते हुए (मर्यादा की रक्षा के लिए) उन्हें दाहिनेे रखकर रास्ता चल रहे हैं।

यात्रा करते हुए श्रीराम ऋषि वाल्मीकि के आश्रम आ गए। ऋषि ने श्रीराम का सम्मान किया और आशीर्वाद भी दिया। श्रीराम के पूछने पर वाल्मीकि ने उन्हें चित्रकूट पर्वत पर निवास करने की सलाह दी। मुनि के कहने पर श्रीराम ने चित्रकूट में अपनी कुटिया बनाई और सुखपूर्वक रहने लगे।
सीख: 1. पारिवारिक जीवन में मर्यादा का होना बहुत आवश्यक है।
2.छोटे जब बड़ों का आदर करते हैं तभी परिवार आदर्श बन पाता है।

prakriti_प्रकृति

prakriti - प्रकृति

Poetry on Nature ::प्रकृति पर कविता



प्रकृति
सुन्दर रूप इस धरा का,
आँचल जिसका नीला आकाश,
पर्वत जिसका ऊँचा मस्तक,
उस पर चाँद सूरज की बिंदियों का ताज
नदियों-झरनो से छलकता यौवन
सतरंगी पुष्प-लताओं ने किया श्रृंगार
खेत-खलिहानों में लहलाती फसले
बिखराती मंद-मंद मुस्कान
हाँ, यही तो हैं,……
इस प्रकृति का स्वछंद स्वरुप
प्रफुल्लित जीवन का निष्छल सार II


~ डी. के. निवतियाँ